मगध के शक्तिशाली होने के निम्न कारण थे
मगध के शक्तिशाली होने के निम्न कारण थे –
- मगध की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति
- मगध की दोनों राजधानियाँ
- महान शासको का योगदान
- मगध के विशाल संसाधन
- आर्थिक दृष्टि से संपन होना
- मगध की विशाल सेना
- मगध का अनुकूल वातावरण
12 वे शिलालेख का अभिलेख विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि राजा प्रियदर्शी, ईश्वर का प्रिय है, सभी संप्रदायों सम्मान करता है |
13 वे शिलालेख मे अशोक की कलिंग विजय का उल्लेख है |
- मौर्यो का पतन :- कुछ इतिहासकार का मानना हैं की बौद्ध धर्म के प्रभाव में आने के बाद अशोक शांतिप्रिय बन गया था |
- अशोक ने अपनी सेना को दुर्बल बना दिया था |
- अशोक की धार्मिक नीति ने ब्रह्ममणों को उसका विरोधी बना दिया था |
- पुष्यमित्र एक ब्रह्ममण सेनापति था जिसने आखिरी मौर्य सम्राट की हत्या कर दी |
- कुछ इतिहासकारों का कहना है की यह सत्य नहीं है , अशोक ब्रह्ममणो को पूरा सम्मान देता था |
- अशोक ने शांति और सामंजस्य की नीति को अपनाया लेकिन इसने अपने सैन्य बल को समाप्त नहीं किया |
- मौर्य वंश का शासन दुर्बल उत्तराधिकारी राजाओं को मिल गया था |
- आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा |
केन्द्रीय और सूबेदारों के बीच परस्पर संबंध न बन पाना
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