IGNOU MPS-003 भारत: लोकतंत्र एवं विकास Q.10 HINDI MEDIUM
प्रश्न 10 – आंतरिक प्रवासन के मुख्य कारण क्या हैं? शहरी भारत पर आंतरिक प्रवासन का क्या प्रभाव है?
अथवा
ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में प्रवासीकरण के कारणों तथा इसके परिणामों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – परिचय
आंतरिक शब्द का अर्थ गृह-प्रदेश अर्थात् अपने ही देश की सीमाओं के भीतर आवागमन से है। देश की आंतरिक प्रवासन एक देश के भीतर लोगों की आवाजाही है अर्थात् जब एक व्यक्ति द्वारा एक देश के अंदर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में प्रवास किया जाता है तो इसे आंतरिक प्रवासन कहते हैं। इसके अंतर्गत लोग बेहतर शिक्षा, रोजगार, जीवन शैली आदि की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से कस्बों और शहरों में जाते हैं। यह प्रकिर्या मुख्य रूप से एक भू-राजनीतिक क्षेत्र के भीतर होती है।
उदाहरण के लिए भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति यदि भारत के क्षेत्र से किसी दूसरे क्षेत्र में चला जाए तो इसे आंतरिक प्रवासन माना जाएगा।
आंतरिक प्रवासन के मुख्य कारण/ ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में प्रवासीकरण के कारण
प्रवास एक जटिल स्थिति है जिसके बहुत से कारण हैं जिन्हें दो घटकों में बाँट सकते हैं।
प्रतिकर्ष कारक (Push factor)
- प्रतिकर्ष कारक वह कारक होते हैं जिनकी वजह से एक व्यक्ति अपने रहने का स्थान छोड़कर किसी दूसरी जगह पर जाता है। यह स्थति मजबूरी के कारण होती है ।
- लोगों को निवास स्थान अथवा उद्गम को छुड़वाने का कारण बनते हैं ।
- इसके कारण किसी क्षेत्र विशेष की जनसंख्या कम होने लगती है।
- यह कारक लोगों के पलायन का कारण बनता है।
उदाहरण के लिए: – बेरोजगारी, रहन-सहन की खराब दशाएं, राजनीतिक अस्थिरता, खराब जलवायु, प्राकृतिक विपदा, महामारी, भुखमरी, सामाजिक पिछड़ापन आदि।
अपकर्ष कारक (Pull factor)
- अपकर्ष कारक वह कारक होते हैं जिनकी वजह से एक व्यक्ति किसी क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित होता है।
- विभिन्न स्थानों से लोगों को आकर्षित करता हैं।
- इसके कारण किसी क्षेत्र विशेष की जनसंख्या बढ़ने लगती है।
- इस कारक से लोग आकर्षित होते हैं और स्थायी होने की ओर बढ़ते हैं।
उदाहरण के लिए:- रोज़गार के अवसर, रहने की अच्छी स्थिति, अनुकूल जलवायु, शांति, स्थिरता, सुरक्षा आदि।
नगरों और शहरों में नौकरी पाने की इच्छा और आसानी:- नगरों और शहरों में नये उद्योगों की स्थापना के कारण इन क्षेत्रों में अधिक रोजगार के अवसर होते हैं। इन नये अवसरों या नौकरियों की तलाश में अधिक-से-अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर आकर्षित होते हैं।
शहरों में प्राप्त सुविधाओं का आकर्षण:- शहरी क्षेत्रों में सुखी जीवन की कई सुविधाएँ होती हैं, जो गाँव में उपलब्ध नहीं होतीं। गाँव में पीने के पानी के लिए कई-कई मील दूर जाना पड़ता है। इस प्रकार, गाँव का जीवन कठिन और अभाव का जीवन है। इसके अतिरिक्त शहरों में जीवन के कई आकर्षण हैं जिनके कारण साधारण ग्रामीण युवक भी शहरों की ओर भागते हैं, चाहे उन्हें वहाँ गन्दी बस्तियों में ही क्यों न रहना पड़े ।
कृषि में जड़त्व की स्थिति:- अन्य विकासशील देशों की तरह भारत में भी अभी तक कृषि पिछड़ी हुई अवस्था में है। पंजाब और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों को छोड़कर भारत के अधिकतर भागों में कृषि के ढंग अभी तक पुराने और घिसे-पिटे हैं तथा उपजाऊ भूमि बहुत कम है। इसलिए ग्रामीण मजदूर नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन करना उचित समझता है।
शहरी भारत पर आंतरिक प्रवासन का प्रभाव
आर्थिक परिणाम:- भारत में गांव से शहर की ओर रोज़गार की तलाश में होने वाले प्रवास के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है क्योंकि शहरों में अर्जित किया गया धन व्यक्ति द्वारा वापस अपने गांव भेजा जाता है।
जनांकिकीय परिणाम:- प्रवास के कारण क्षेत्र की जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन आता है। रोज़गार की तलाश में गांव से शहरों में होने वाले प्रवास के कारण शहरों में पुरुषों की संख्या अधिक हो जाती है जबकि गांव में महिलाओं की संख्या अधिक होती है।
पर्यावरणीय परिणाम:– गांव से नगर की ओर प्रवास से शहर में भीड़ बढ़ जाती है। जिससे सुविधाएँ जनसंख्या के सामने कम पड़ने लगती है। भू-जल स्तर मे गिरावट, वायु प्रदूषण, कचरे का निपटारे जैसे समस्या उत्पन्न होती हैं।
प्रवासन शहरों के जीवन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बनता जा रहा है । बड़े शहरों के अनेक अवसर और आकर्षण बड़ी संख्या में लोगों को बड़े शहरों की ओर खींचते हैं। प्रवासन का प्रवासियों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सकारात्मक प्रभाव
- बेरोजगारी कम होती है और लोगों को बेहतर रोजगार के अवसर मिलते हैं।
- प्रवासन लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
- यह लोगों के सामाजिक जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है क्योंकि वे नई संस्कृति, रीति-रिवाजों और भाषाओं के बारे में सीखते हैं जो लोगों के बीच भाईचारे को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- कुशल श्रमिकों के प्रवासन से क्षेत्र का अधिक आर्थिक विकास होता है।
- बच्चों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलते हैं ।
- जनसंख्या घनत्व कम हो जाता है और जन्म दर घट जाती है।
नकारात्मक प्रभाव
- शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के आने से नौकरी, घर, स्कूल की सुविधा आदि के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है।
- बड़ी आबादी होने से प्राकृतिक संसाधनों , सुविधाओं और सेवाओं पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है ।
- एक ग्रामीण के लिए शहरी क्षेत्रों में जीवित रहना मुश्किल है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में प्राकृतिक वातावरण और शुद्ध हवा नहीं है। उन्हें हर चीज की कीमत चुकानी पड़ती है।
- प्रवासन से किसी स्थान की जनसंख्या में परिवर्तन होता है, इसलिए भारत में जनसंख्या का वितरण असमान है।
- कई प्रवासी पूरी तरह से निरक्षर और अशिक्षित हैं, इसलिए वे न केवल अधिकांश नौकरियों के लिए अनुपयुक्त हैं, बल्कि बुनियादी ज्ञान और जीवन कौशल की भी कमी है।
- गरीबी उन्हें सामान्य और स्वस्थ जीवन जीने में असमर्थ बनाती है।
- प्रवासन ने शहरों में स्लम क्षेत्रों में वृद्धि की जो कई समस्याओं को बढ़ाते हैं जैसे अस्वच्छ स्थिति, अपराध, प्रदूषण आदि ।
- कभी-कभी प्रवासियों का शोषण किया जाता है।
निष्कर्ष
आजकल, बहुत से लोग बेहतर जीवन जीने के लिए प्रवास करने का निर्णय लेते हैं। रोजगार के अवसर सबसे आम कारण हैं जिसके कारण लोग पलायन करते हैं। इसके अलावा, अवसरों की कमी, बेहतर शिक्षा, प्राकृतिक आपदा (बाढ़ और सूखा) और कभी-कभी फसल की विफलता ने ग्रामीणों को शहरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया है।
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